Stampede Bangalore-जीत का नहीं मौत का जश्न,बेंगलुरु स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 की मौत, 47 घायल

बेंगलुरु: आईपीएल 2025 की ऐतिहासिक जीत का जश्न बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में उस समय मातम में बदल गया, जब बुधवार को स्टेडियम के बाहर मची भीषण भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 47 से अधिक लोग घायल हो गए. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. मरने वालों में एक महिला और बच्चे भी शामिल है.इनमें से सात की मौत बोरिंग अस्पताल में और चार की मौत वैदेही अस्पताल में हुई है. घायलों में से तीन की हालत नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज चल रहा है. अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है.
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने मंगलवार को आईपीएल का अपना पहला खिताब जीतकर इतिहास रचा था. इस ऐतिहासिक पल को सेलिब्रेट करने के लिए बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को एक विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इसी समारोह में हिस्सा लेने के लिए स्टेडियम के बाहर करीब दो लाख से ज्यादा प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी, जबकि स्टेडियम की क्षमता महज 35,000 लोगों की है.प्रशंसकों ने बैरिकेड तोड़कर स्टेडियम में घुसने की कोशिश की, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को काबू में करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया, लेकिन हालात बेकाबू हो गए. अफरा-तफरी में कई लोग जमीन पर गिर पड़े और कुचले गए.बाहर मातम पसरा था, वहीं स्टेडियम के अंदर जश्न का माहौल जारी रहा. आरसीबी के खिलाड़ी स्टेज पर पहुंचे और प्रशंसकों को संबोधित किया. विराट कोहली ने कहा, यह जीत आप सभी के लिए है. सालों के समर्थन और विश्वास का नतीजा आज हमें मिला है. हालांकि, कोहली और अन्य खिलाड़ी हादसे से प्रभावित दिखे और उनका उत्साह आम दिनों की तुलना में थोड़ा कम नजर आया.
बेंगलुरु की सड़कों पर जहां लोग कोहली के कटआउट को माला पहना रहे थे, वहीं अस्पतालों और मोर्चरी में परिवारों की आंखें अपनों को ढूंढ़ रही थीं. सवाल यह है कि जब स्टेडियम की क्षमता 32,000 थी, तो 1 लाख लोग अंदर कैसे पहुंचे? जब 2 लाख की भीड़ की उम्मीद थी, तो 6 लाख को क्यों नहीं रोका गया? RCB की ट्रॉफी जीत भले ऐतिहासिक हो, लेकिन इस जश्न ने 11 परिवारों की जिंदगी उजाड़ दी. और सबसे बड़ा शर्मनाक सच यह है कि ‘हर कोई पल्ला झाड़ चुका है’.
(भगदड़ के दौरान लोग आगे निकलने की होड़ में एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते भागने लगे. एक पुलिसकर्मी अपनी वर्दी से ज्यादा आंखों में जिम्मेदारी लिए घायल युवक को अपनी गोद में उठाकर दौड़ रहा था. उस लड़के का सिर पीछे लटक रहा था, जैसे उसने सब कुछ छोड़ दिया हो. (PTI)
RCB की ऐतिहासिक जीत पर जब पूरा शहर जश्न में डूबा था, तब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 11 घरों में मातम पसर चुका था. भगदड़ में दम घुटने से हुई इन मौतों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. लेकिन हादसे के बाद कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं. सरकार से लेकर बीसीसीआई और RCB तक, हर कोई बस एक ही बात कह रहा है कि ‘हमारा रोल नहीं था’.
सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा के आरोपों पर दिया पलटवार
सिद्धारमैया ने कहा, "ऐसी घटनाएं देशभर में कई बार हुई हैं. मैं उनकी तुलना करके इस घटना का बचाव नहीं करना चाहता. कुंभ मेले में भी 50-60 लोग मारे गए थे, तब हमने राजनीति नहीं की. अगर कांग्रेस की आलोचना होती है तो वह अलग बात है, लेकिन मैं इस पर राजनीति नहीं करना चाहता.
बता दें, एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी की जीत के जश्न में शामिल भारी भीड़ ने बैरिकेड्स तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे अफरातफरी और भगदड़ मची. पुलिस के अनुसार, इस अव्यवस्था में कई लोग कुचले गए और हादसे में जानमाल का नुकसान हुआ.