Sikar News -ब्लड चढ़ाने के बाद तीन महिलाओं की तबीयत बिगड़ी ,एक गर्भवती महिला की मौत
नीमकाथाना के कपिल अस्पताल में बिहारीपुर गांव निवासी गर्भवती मैना देवी ब्लड चढ़ाया गया था. यह ब्लड नीमकाथाना के सीता ब्लड बैंक से लिया गया था. खून चढ़ाते ही उसे उल्टियां और दस्त होने लगे. थोड़ी ही देर में उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी
सीकर. नीमकाथाना के कपिल जिला अस्पताल में ब्लड चढ़ाने के बाद तीन महिलाओं की तबीयत बिगड़ने और एक गर्भवती महिला की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है. विभाग की जांच में पहले ही दिन चौंकाने वाली कई जानकारियां सामने आई हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि बीते 15 दिन से इस ब्लड बैंक से संक्रमित खून सप्लाई किया जा रहा था. जांच में सामने आया है कि इस ब्लड बैंक से लिया ब्लड चढ़ाने के बाद पहले भी अलग अलग समय में दो महिलाओं की मौत हुई थी. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया और परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया.
रविवार रात को नीमकाथाना के कपिल अस्पताल में बिहारीपुर गांव निवासी गर्भवती मैना देवी ब्लड चढ़ाया गया था. यह ब्लड नीमकाथाना के सीता ब्लड बैंक से लिया गया था. खून चढ़ाते ही उसे उल्टियां और दस्त होने लगे. थोड़ी ही देर में उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे जयपुर रेफर किया गया था. जयपुर में उपचार के दौरान मैना देवी की मौत हो गई. मैना के अलावा दो अन्य प्रसूताओं की भी इस ब्लड बैंक से लाया गया खून चढ़ाने के बाद तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें भी जयपुर रेफर किया गया है. उनका जयपुर में इलाज चल रहा है. पहले यह माना जा रहा था कि गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ाने से मौत हुई है. लेकिन अब बताया जा रहा है कि ब्लड ग्रुप सही था लेकिन वह संक्रमित था.
जुगली देवी को 8 मई को खून चढ़ाया गया था
दूसरी तरफ पुलिस की जांच में खुलासा है कि इलाके माधोगढ़ की जुगली देवी की पिछले दिनों मौत हो गई थी. उसका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. जुगली देवी को 8 मई को खून चढ़ाया गया था. तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे चौमू के बराला अस्पताल ले गए. जुगली देवी को भी खून सीता ब्लड बैंक से जारी किया गया था.
रखरखाव में कमी के कारण संक्रमण की संभावना रहती है
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गड़बड़ी कहां हुई है इसका अभी तक पूरी तरह से खुलासा तो नहीं हो पाया है. क्योंकि जब किसी का ब्लड लिया जाता है तो उसकी पूरी जांच की जाती है. अगर ब्लड में पहले से ही इंफेक्शन है तो उसे हटा दिया जाता है. उसके बाद पूरी तय गाइडलाइन के अनुसार उसे स्टोर किया जाता है. ब्लड के संक्रमित होने की संभावना उसके रखरखाव के दौरान होने की ज्यादा रहती है. कुछ-कुछ ऐसा ही इसमें सामने आ रहा है.
जांच के लिए पहुंचे जोन डायरेक्टर
महिला की मौत होने की खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रविवार रात को सीता ब्लड बैंक पहुंच गए थे. उन्होंने प्राथमिक स्तर पर पूरे मामले की पड़ताल की. बाद में जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई थी. कमेटी ने ब्लड सेंटर का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है. सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के जयपुर जोन डायरेक्टर डॉ. नरोत्तम शर्मा नीमकाथाना पहुंचे. इसके अलावा ड्रग कंट्रोलर की टीम भी नीमकाथाना आई. इस ब्लड बैंक से जारी की गई ब्लड यूनिट और किन मरीजों को चढ़ाया गई इसका रिकॉर्ड जुटाया गया है. इसके साथ ही जिन मरीजों को इस ब्लड बैंक से खून की जो यूनिट जारी की गई थी उनको ब्लड चढ़ाने से फिलहाल रोक दिया गया है.
सीपीडी केमिकल का इस्तेमाल करने में लापरवाही बरती गई
टीम की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ब्लड बैंक से आया ब्लड ही संक्रमित था. उसे यहां घटिया क्वालिटी के बैग में रखा गया था. इसके साथ ही बैग में रक्त को पतला रखने के लिए सीपीडी केमिकल का इस्तेमाल करने में भी लापरवाही बरती गई. सीता ब्लड सेंटर से बीते 15 दिन से संक्रमित ब्लड की सप्लाई की जा रही थी. यह सप्लाई जिले के कई अस्पतालों में की गई है. आशंका है कि इस ब्लड बैंक से दर्जनों मरीजों को संक्रमित रक्त दिया गया था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस ब्लड बैंक से नीमकाथाना के जीवन रेखा, गंगासागर और जिला कपिल अस्पताल में संक्रमित रक्त की ज्यादा सप्लाई हो रही थी.
बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
इसके साथ ही चौंकाने वाली यह जानकारी भी सामने आई कि ब्लड बैंक प्रबंधन ने मामले को दबाने का प्रयास भी किया था. सीता ब्लड बैंक के प्रबंधन को रविवार को सुबह ही खून के संक्रमित होने का अंदेशा हो गया था. इसलिए बैंक में रखे दो दर्जन यूनिट खून को नष्ट करवा दिया गया ताकि जांच में गड़बड़ी पकड़ में न आए. जांच में सामने आए तथ्यों से आशंका है कि इस बैंक से लिए गए ब्लड का उपयोग कर मौत के मुंह में समाने वाले मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
जोन डायरेक्टर बोले अभी एक ही मौत कन्फर्म हुई है
जयपुर जोन डायरेक्टर डॉ. नरोत्तम शर्मा ने बताया कि पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है. ब्लड बैंक से खून की सप्लाई रोक दी गई है. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. फिलहाल जो ब्लड यहां से दिया गया है उसे चढ़ाने से रोक दिया गया है. अभी तक इस मामले में एक ही मौत कन्फर्म हुई है. जांच जारी है.
संक्रमित खून से रिएक्शन अलग-अलग तरीके से होता है
नीमकाथाना पीएमओ कमल सिंह शेखावत के अनुसार ब्लड की पूरी तरह से सही जांच की गई थी या नहीं इसकी पड़ताल की जा रही है. संक्रमित खून से रिएक्शन अलग-अलग तरीके से होता है. यह तत्काल भी हो सकता और कुछ समय बाद भी. यह सब मरीज की बॉडी पर निर्भर करता है. सीता ब्लड बैंक छह सात माह पहले ही खुला है. पहले कभी इस तरह का केस आया नहीं. लेकिन अब एक साथ तीन चार मरीजों की तबीयत खराब हुई तो इसकी पूरी जांच की जा रही है.
ब्लड बैंक की नियमित जांच जरूरी है
ब्लड बैंक सीधे तौर पर सरकार के ड्रग कंट्रोलर विभाग के अधीन आते हैं. सभी जिला मुख्यालयों पर एडिशनल ड्रग कंट्रोलर बैठते हैं. चूंकि नीमकाथाना हाल ही में जिला बना है तो अभी यहां एडिशनल ड्रग कंट्रोलर की नियुक्ति नहीं हुई है. फिलहाल यह अपने पुराने जिले सीकर के एडिशनल ड्रग कंट्रोलर के अधीन है. ब्लड बैंक की नियमित जांच होनी होती रहनी चाहिए. स्टाफ की भी नियमित जांच जरूरी है. वहीं डोनर को फॉलो किया जाना चाहिए.