जगन्नाथ यात्रा मौत की यात्रा बनी तीन श्रद्धालुओं की मौत, 50 अन्य घायल

पुरी में गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़; तीन श्रद्धालुओं की मौत, 50 अन्य घायल

पुरी(ओडिशा)

रिपोर्ट - न्यूज हैंड ब्यूरो

कुम्भ ,नई दिल्ली ,अहमदाबाद ,उत्तराखंड में हुई सैंकड़ों मौतों की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई थी की एक और भगवान जगन्नाथ ने अपनी रथ यात्रा के चलते कई निर्दोषो की जिंदगी छीन ली और से ज्यादा निर्दोष भक्तों को घायल कर दिया।

पाठक फिर कहेंगे की इसमें भगवान् जगन्नाथ का क्या दोष अरे भाई माना की भारत में140 करोड़ अंधभक्त है लेकिन उसमे से आधे तो हमारे हिन्दुओ के देवी देवता है फिर वे उनकी यानी भगवान् के आस्था रखने वालों को मौत क्यों देते है अपने निर्दोष भक्तों की तो भगवान् को रक्षा करनी चाहिए लेकिन समझ में नहीं आता की हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों पर नाच गाने के साथ जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ दुर्घटना को घटती है क्यों नहीं डिवॉन के देव अपने भक्तों को बचाने आगे आते अब आप खुद देख लीजिये 2025 के शुरुआत से अब तक कितने लोग मारे गए


ताजा उदहारण ओडिशा के पुरी जिले में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Lord Jagannath's Rath Yatra)के दौरान श्री गुंडिचा मंदिर के पास रविवार तड़के हुई एक भगदड़ में कम से कम तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 50 अन्य घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ, जब श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भारी भीड़ जमा थी। उसी दौरान वहां धक्का-मुक्की हो गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ एस स्वैन ने बताया कि घटना में घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से छह की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों की पहचान बसंती साहू (बोलागढ़), प्रेमकांत मोहंती और प्रवाती दास (दोनों बालिपटना निवासी) के रूप में की गई है। तीनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। कलेक्टर के अनुसार, घटना की जांच शुरू कर दी गई है और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। भीड़ को नियंत्रित करने और घायलों को राहत पहुंचाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं।

स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

पुरी के रहने वाले स्वाधीन कुमार पंडा का कहना है कि मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास ही था, लेकिन प्रबंधन ठीक नहीं था। वीआईपी के लिए नया रास्ता बनाया गया था, और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने को कहा गया था। लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ बढ़ गई। यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी, क्योंकि कई अनधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए। प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया। सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी। आज तीन लोगों की मौत हुई है - 2 महिलाएं, एक पुरुष। इसके लिए ओडिशा प्रशासन जिम्मेदार है। रात में वहां कोई पुलिस, प्रशासन नहीं था।

वहीं इस हादसे में अपनी पत्नी खोने वाले पीड़ित ने कहा कि जब यह घटना घटी, तो कहीं से कोई मदद नहीं मिली, न तो अग्निशमन अधिकारियों ने, न ही बचाव दल ने, न ही अस्पताल की टीम ने। यह एक दयनीय घटना है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता है।

शुक्रवार को 625 लोग बीमार पड़ गए थे

इससे पहले शुक्रवार को पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा(Lord Jagannath's Rath Yatra) के दौरान कुछ लोगों ने घुटन की शिकायत की और कई लोग उमस के कारण बेहोश हो गए थे। अधिकारियों की मानें तो शुक्रवार को रथ यात्रा के दौरान भीषण गर्मी और भारी भीड़ के कारण करीब 625 लोग बीमार पड़ गए। कई श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अधिकारियों के अनुसार, ज्यादातर लोगों को उल्टी, चक्कर आने और मामूली चोटें आईं। पुरी के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीसीएमओ) डॉ किशोर सतपथी ने बताया कि अधिकतर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि कोई जनहानि नहीं हुई है।

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