बीजेपी सत्ता में आई तो पार्टी का खजाना भरने के लिए चुनावी बांड फिर से लाएगी -वित् मंत्री बीजेपी

भाजपा 2024 के आम चुनावों में फिर से सत्ता में वापसी करती है, तो सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद चुनावी बॉन्ड योजना को किसी न किसी रूप में वापस लाया जाएगा.

चुनावी बॉन्ड योजना को फिर वापस लाएंगे: वित्त मंत्री सीतारमण

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (19 अप्रैल) को कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2024 के आम चुनावों में फिर से सत्ता में वापसी करती है, तो सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद चुनावी बॉन्ड योजना को किसी न किसी रूप में वापस लाया जाएगा.

रिपोर्ट के मुताबिक, निर्मला सीतारमण ने इस विवादास्पद राजनीतिक फंडिंग योजना में अपना विश्वास जताया, जिसे फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था. हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि इस योजना में कुछ बदलाव जरूरी थे.

उन्होंने कहा, ‘हमें अभी भी हितधारकों के साथ बहुत विचार-विमर्श करना है और देखना है कि ऐसा ढांचा बनाने या लाने के लिए हमें क्या करना है जो सभी के लिए स्वीकार्य होगा, मुख्य रूप से ऐसा ढांचा जो पारदर्शिता के स्तर को बनाए रखना वाला और इसमें काले धन के प्रवेश की संभावना को पूरी तरह से खत्म करने वाला हो. उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की समीक्षा की मांग की जाए या नहीं.

उन्होंने आगे कहा, ‘जिस वर्तमान योजना को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया, वह पारदर्शिता लेकर आई थी. पहले सबको खुली छूट थी.’

15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस योजना को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए खारिज कर दिया था, क्योंकि इसमें राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था.

अपने साक्षात्कार में उन्होंने यह आरोप लगाने के लिए विपक्ष को आड़े हाथों लिया कि भाजपा ने उन नेताओं पर आपराधिक आरोपों को नजरअंदाज कर दिया है, जो अन्य दलों से सत्तारूढ़ दल में शामिल हो रहे हैं.

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘भाजपा यहां बैठकर यह नहीं कह सकती कि आप आज मेरी पार्टी में आएं और कल मामला बंद हो जाएगा. मामले को अदालतों से गुजरना होता है और अदालत को निर्णय लेना होता है; अदालतें यह नहीं कहेंगी, ‘ओह, वह आपकी पार्टी में आ गए हैं, मामला बंद करो.’ इस तरह नहीं होता है. इसलिए क्या वे यह वॉशिंग मशीन शब्द अदालतों के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं?’

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