पटवी और ईस्माईलपुर के सरपंच सस्पेंड
पटवी और ईस्माईलपुर के सरपंच सस्पेंड
पटवी सरपंच पर पंचायत की भूमि से चोरी हुए सफेदों के पेड़ों के मामले में लापरवाही का आरोप
ईस्माईलपुर सरपंच पर वन विभाग द्वारा लगाए गए सरकारी सम्पत्ति पिलरों को खुर्द बुर्द करने का आरोप
अंबाला, पूर्ण सिंह
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि ग्राम पंचायत पटवी के सरपंच और ग्राम पंचायत ईस्माईलपुर के सरपंच को सस्पेंड कर दिया गया हैं। इन दोनों सरपंचों के खिलाफ नियमित जांच के भी आदेश दिए गए हैं और यह जांच रिपोर्ट एक माह के अन्दर सौंपने का समय भी दिया गया हैं। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने जारी आदेशों में कहा है कि ग्राम पंचायत पटवी खण्ड शहजादपुर के विरूद्ध पंचायत की भूमि से चोरी से पेड़ काटने बारे भ्रष्ट्राचार ब्यूरों हरियाणा के महानिदेशक के पास शिकायत पहुंची थी। इस शिकायत के आधार पर अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास एवं पंचायत विभाग के द्वारा जांच करने के आदेश 2 नवम्बर 2023 को जारी किए गए थे। इस पूरे मामले की जांच एसडीएम नारायणगढ से करवाई गई। एसडीएम ने इस जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि गांव पटवी के सरपंच ने ग्राम पंचायत की भूमि से चोरी से काटे गए सफेदों के पेड़ों की चोरी बारे पता चलने पर कोई कार्रवाई नहंी की, जबकि पंचायतीराज एक्ट में दी गई व्यवस्था अनुसार ग्राम पंचायत की सम्पत्ति का संरक्षक सम्बधी सरपंच होता है। इस प्रकार गांव पटवी के सरपंच ने अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन भली प्रकार से न करके कोताही बरती हैं। उन्होंने कहा कि एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध पाए गए हैं। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर सरपंच पटवी को सस्पेंड कर दिया गया है और नियमित जांच के आदेश दिए गए हैं। यह जांच रिपोर्ट एक माह के भीतर की जाएगी।
उन्होंने ग्राम पंचायत ईस्माईलपुर के बारे में आदेश दिए है कि ईस्माईलपुर में पंजाब भू सरंक्षण अधिनियम के तहत 37 एकड़ भूमि सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार बंद वन क्षेत्र घोषित हैं। इस भूमि पर पंचायत द्वारा पूर्व में कृषि कार्य किया जा रहा था। इसके उपरांत 8 अपै्रल 2024 को वनराजिक अधिकारी अम्बाला द्वारा सरपंच को वर्ष 2024-2025 में 37 एकड़ भूमि की कृषि कार्य हेतू बोली न करने बारे सूचित किया गया था। इसके लिए बकायदा सरपंच को रजिस्ट्रड डाक के माध्यम से निशानदेही की भी सूचना दी गई थी, लेकिन सरपंच निशानदेही में शामिल नहीं हुआ। इसकी सूचना मौके पर दूरभाष के माध्यम से भी मौके पर दी गई, लेकिन सरपंच ने दूरभाष पर निशानदेही के समय कोर्ट में होने बात कहीं। यह निशानदेही 28 मई 2024 को ईस्माईलपुर निवासियों की मौजूदगी में की गई, लेकिन निशानदेही की हाजिरी सूचि में उन्होंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। उपायुक्त ने कहा कि वन रक्षक बलजीत सिंह जब 2 जून 2024 को गस्त कर रहें थे, तब उन्होंने देखा की निशानदेही में लगाए गए कुल 17 सीमेंट पिलरों में से तीन पिलर तोड़ दिए गए, 8 पिलर उखाड़ दिए गए और 6 पिलर मौके से चोरी हो गए थे। इस प्रकार निशानदेही के बाद निशान को खुर्द-बुर्द करने के प्रयास से सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया हैं। उन्होंने कहा कि वन मंडल अधिकारी द्वारा 25 जून 2024 को यह भी सूचित किया गया था कि प्रतिबंधित भूमि पर ऑक्शन प्राप्त करने वाले किसानों द्वारा धान रोपित किए जाने का कार्य किया जा रहा हैं। इन तमाम पहलूओं को देखते हुए सरपंच ईस्माईलपुर की लापरवाही नजर आई, इसके बाद 12 नवम्बर 2024 को सरपंच को निजी सुनवाई का मौका भी दिया गया और सरपंच द्वारा अपनी बात भी रखी गई, लेकिन जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए कि सरपंच ने गम्भीर अनियमितताओं को दर्शाया हैं। इसलिए सरपंच को सस्पेंड किया गया है और नियमित जांच के आदेश दिए गए हैं।