गुरुग्राम - नारनौल के बीच नहीं सरकारी अस्पताल और गायनोलॉजिस्ट ?
क्या, गुरुग्राम - नारनौल के बीच नहीं सरकारी अस्पताल और गायनोलॉजिस्ट ?
... "नॉन स्टॉप" यह है डबल इंजन वाली "हरियाणा भाजपा सरकार"
गुरुग्राम से नारनौल एक साथ आठ गायनोलॉजिस्ट का रोटेशन ट्रांसफर
गुरुग्राम से नारनौल के बीच मे लगभग 120 किलोमीटर की दूरी
नारनौल के आसपास महेंद्रगढ़, अटेली, रेवाड़ी और कोसली अस्पताल मौजूद
रोटेशन ट्रांसफर में आधा दर्जन गुरुग्राम तथा पटौदी से दो गायनोलॉजिस्ट
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम / पटौदी । हाल ही में डबल इंजन वाली हरियाणा भाजपा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य निदेशालय की ताल मेल पर नारनौल के जिला नागरिक अस्पताल में 8 गायनोलॉजिस्ट के लिए रोटेशन ट्रांसफर के आदेश जारी किए गए हैं। ट्रांसफर अथवा नियुक्त किए गए इन सभी गायनोलॉजिस्ट में 6 गायनोलॉजिस्ट गुरुग्राम जिला मुख्यालय नागरिक अस्पताल से और दो गायनोलॉजिस्ट पटौदी नागरिक अस्पताल के शामिल हैं । जानकारी के मुताबिक इन सभी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को 14-14 दिन के लिए अपने होम स्टेशन और नारनौल जिला नागरिक अस्पताल में अपनी सेवाएं देनी होगी । गुरुग्राम शहर विभिन्न कारण से देश और दुनिया में अपनी पहचान बनाए हुए हैं । हरियाणा में हैट्रिक बनाने वाली भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल में एक साथ एक ही जिला से 8 गायनोलॉजिस्ट का लगभग 120 किलोमीटर दूर नारनौल जिला नागरिक अस्पताल के लिए रोटेशन ट्रांसफर किया जाना अपने आप में गंभीर सवाल और बड़ा मुद्दा बनता दिखाई दे रहा है।
गुरुग्राम जिला मुख्यालय पर एकमात्र जिला नागरिक अस्पताल सेक्टर 10 में आम लोगों के स्वास्थ्य सेवा के लिए उपलब्ध है । नारनौल से लेकर गुरुग्राम के जिला मुख्यालय के जिला नागरिक अस्पताल के बीच दूरी पर ध्यान दिया जाए, तो इसके साथ इस सवाल का जवाब भी जरूर सामने आना चाहिए। दोनों के बीच में और कितने सरकारी नागरिक अस्पताल तथा वहां पर कितने गायनोलॉजिस्ट उपलब्ध है ? चर्चा तो यहां तक होने लगी है डॉक्टर के ट्रांसफर किया जाते समय सबसे अधिक कमी अनुभव और परिपक्वता की देखी जा सकती है। गुरुग्राम शहर का नागरिक अस्पताल शहर की आबादी के साथ-साथ अपने आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की महिला रोगियों या फिर गर्भवती और प्रसुताओं के उपचार का बोझ भी उठाए हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जटिल प्रसव के लिए वह सुविधा उपलब्ध नहीं होती हैं, जो की जिला मुख्यालय के अस्पताल पर सहज उपलब्ध हो जाती है। इस बात से भी इनकार नहीं की महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को किन्हीं न किन्हीं वजह से अवकाश पर भी जाना पड़ जाता है।
हरियाणा की नवनियुक्त स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह के निर्देश पर ही गुरुग्राम और पटौदी से नारनौल जिला मुख्यालय नागरिक अस्पताल के लिए गायनोलॉजिस्ट के रोटेशन ट्रांसफर के आर्डर किए गए । स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के द्वारा लिए गए इस फैसले में सामाजिक, सरकारी और राजनीतिक अनुभव का अभाव महसूस किया जा सकता है । नारनौल जिला नागरिक अस्पताल जहां पर 120 किलोमीटर दूर से गाइनेकोलॉजिस्ट के ट्रांसफर किए गए हैं । इसके विपरीत नारनौल के आसपास में ही महेंद्रगढ़, कोसली, रेवाड़ी, बावल और अटेली में भी सरकारी अस्पताल और वहां गायनोलॉजिस्ट के होने से इनकार नहीं किया जा सकता है ।
रेवाड़ी जिला मुख्यालय है और रेवाड़ी ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का होम डिस्ट्रिक्ट भी कहा जा सकता है । इसी प्रकार से हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव अटेली से विधायक बनी। अटेली में ही सरकारी नागरिक अस्पताल भी उपलब्ध है । टेढ़ा सवाल, अपने लिए सीधा जवाब तलाश कर रहा है । जब नारनौल के आसपास में ही और गुरुग्राम से बहुत नजदीक महेंद्रगढ़, कोसली, बावल, अटेली और रेवाड़ी के सरकारी नागरिक अस्पताल और वहां पर महिला रोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं । तो फिर क्या उनकी योग्यता और कार्य कुशलता पर स्वास्थ्य मंत्री सहित स्वास्थ्य निदेशालय को भरोसा नहीं रह गया ? अभी यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस मामले में जारी किए गए आदेश कितने समय तक और किस-किस महिला रोग विशेषज्ञ के लिए लागू रहेंगे।